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Nafrat Status

दिल्लगी से नफ़रत

वो आज मुझे सच्चा आशिक़ कहती है,
जो किसी समय मेरी दिल्लगी से नफ़रत करती थी।

 

कुछ लोग तो मुझसे सिर्फ़ इसलिए नफ़रत करते हैं,
क्योंकि बहुत सारे लोग मुझसे प्यार करते हैं।

नफ़रत का एहसास

बेइंतहा प्यार से भी क्या फ़ायदा,
जो भूलना पड़े किसी को,
तो नफ़रत की हद तक जाना पड़े।

खुशनसीब हूँ कि उनकी नफ़रत का इकलौता वारिस हूँ,
वरना मोहब्बत करने वाले तो हज़ारों हैं।

नफ़रत और मोहब्बत

मोहब्बत है कि नफ़रत, कोई इतना तो समझाओ!
कभी मैं दिल से लड़ता हूँ तो कभी दिल मुझ से लड़ता है।

तंग आ जाओ अगर हमारी उल्फ़तों से तो बता जरूर देना,
क्योंकि हमें नफ़रत तो गवारा है मगर दिखावे की प्यार बिलकुल नहीं।

तेरी नफ़रत मे उतना दम नहीं जानम,
जो मेरी सच्ची चाहत को कम कर सके।

नफ़रत ही जताओ

कभी किसी ने हमें भी चाहत भरा पैगाम लिखा था,
तन, मन, धन सब हमारे नाम लिखा था,
सुना है अब उन्हें हमारे जिक्र से भी नफ़रत है,
जिसने कभी अपने जिस्म-ओ-जाँ पे हमारा नाम लिखा था।

अरसे से जागी इन आँखों को एक बार सुलाने आ जाओ,
माना तुमको प्यार नहीं, नफ़रत ही जताने आ जाओ,
जिस मोड़ पे तुम हमें छोड़ गए, हम बैठे अब तक सोच रहे,
क्या भूल हुई, क्यों जुदा हुए, बस यह समझाने आ जाओ।

नफ़रत और अदावत

मेरी नफ़रत और अदावत दोनों ही पिघल गई एक पल में,
वो अगर वेबफ़ा थी तो मुझे क्यों रुला के रोई।

प्यार करता हूँ इसलिए फ़िक्र करता हूँ,
जो नफ़रत करता तो तेरा जिक्र तक न करता।

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