Poems and Poetry

एक बार मुड़ के देख जो छूट गया साथ तेरा मुझसे, रूठ गया है दिल मेरा मुझसे, कितनी तक़लीफ़, कितान दर्द है तेरे जाने का, एक बार मुड़ के देख, क्या हल हो गया है तेरे दीवाने का; हर लम्हा, हर वक्त बस तेरी याद आ रही है, तेरी खामोसी मेरी बेचैनी बड़ा रही है, … Read more

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